December 23, 2024

सिलगेर बेसकैंप मुद्दे पर नंदकुमार साय की पीसी, कहा- ‘ग्रामीण कैंप का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि उनके आने से वहां बहुत सारी समस्या खड़ी हो जाती है’

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rajnandgaon

संवाददाता : कामिनी साहू

राजनांदगांव| भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद कुमार साय ने राजनांदगांव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुकमा जिले के सिलगेर में पुलिस की गोलियों से मारे गए कथित नक्सलियों को ग्रामीण बताया और कैंप स्थापित करने को लेकर सवाल खड़े किए हैं।अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद नंदकुमार साय अक्सर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर सुर्खियों में रहे हैं, इस बार उन्होंने सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिलगेर को लेकर यहां पुलिस कैंप स्थापना पर सवाल उठाते हुए बयान दिया है। राजनंदगांव प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर नंदकुमार साय ने सिलगेर में पुलिस की गोलियों से मारे गए लोगों को ग्रामीण बताते हुए कहा कि अगर वह लोग पुलिस कैंप का विरोध कर रहे थे तो वहां ग्रामसभा है, पांचवी अनुसूची क्षेत्र है, ग्राम सभा से राय लेनी चाहिए थी।

नंदकुमार साय ने कहा कि वहां के ग्रामीण कैंप का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि उनके आने से वहां बहुत सारी समस्या खड़ी हो जाती है। उन्होंने कहा कि गांव वालों का कहना है कि पुलिस वाले गांव में आ जाते हैं और किसी के बकरे तो किसी का मुर्गा उठा ले जाते हैं। महिलाओं से अनाचार होता है ,इस कारण से ग्रामीण कैम्प का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामसभा का मत सुनना चाहिए और उसके बाद शासन-प्रशासन को कैंप के संबंध में निर्णय लेना चाहिए।पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकुमार साय ने कहा कि नक्सल समस्या का हल नक्सलियों के प्रमुख, जनजाति समाज के प्रमुख और शासन-प्रशासन की बैठक से ही निकलेगा। पिछले 15 वर्षों में उनकी सरकार के द्वारा नक्सलियों से वार्ता -बैठक करने में कहां कमी रह गई के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा उस समय ऐसा कोई प्रयास नहीं हो पाया, इसको कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी सरकार को इस पर पहल करते हुए रास्ता निकालना चाहिए।सुकमा जिले के ग्राम सिलगेर में सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित होकर यहां पुलिस कैंप खोले जाने का विरोध कर रहे हैं। वहीं सत्ता पक्ष ग्रामीणों से चर्चा कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। तो दूसरी ओर विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आ रही है ।

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