मोदी सरकार ने भूपेश सरकार की ‘महतारी दुलार’ योजना की कॉपी की है : कांग्रेस
रायपुर। भाजपा आपदा में अवसर तलाशने के चलते कोरोना से मृत लोगो के बेसहारा लोगो में नित नये भ्रम फैला रही है, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का यह आरोप पूरी तरह निराधार और राजनीति प्रेरित है कि, कोरोना-काल में अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को लेकर राज्य सरकार द्वारा किसी तरह की लापरवाही बरती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने अपदाकाल में ओछी ओर भ्रामक राजनीति करने पर तीखा पलटवार करते हुये कहा, माना कि, केंद्र सरकार ने ऐसे बच्चों को लेकर चिंता प्रकट करते हुए उनके लिए योजना बनाई हैं, किंतु केंद्र के इस निर्णय से पहले ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस दिशा में “महतारी दुलार योजना की पहले ही घोषणा कर चुके हैं, जिसकी अधिसूचना स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी भी की जा चुकी है, साथ ही कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार वहन करेगी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोरोना महामारी से राज्य के मृत व्यक्तियों के बेसहारा बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा के साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी। योजना के तहत ऐसे छात्रों को कक्षा पहली से 8वीं तक 500 रूपए प्रति माह और कक्षा 9वीं से 12वीं तक एक हजार रूपए प्रति माह की छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना 2021 शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू की जा रही है। योजना के तहत पात्र पाए गए बच्चों को प्रदेश के शासकीय शालाओं में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
ऐसे पात्र बच्चों को राज्य शासन द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी तथा उनके शिक्षा का सम्पूर्ण व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। इसके साथ ही छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अथवा परिवार में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो गई उन्हें निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। पात्र छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रतिभावान छात्रों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रशिक्षण, कोचिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि मृत्यु प्रमाण-पत्रों में कोरोना से मृत्यु होने का उल्लेख नहीं होने की वजह से हजारों बच्चे केंद्र की योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाएंगे। यह एक काल्पनिक आरोप है, क्योंकि भाजपा के लोग स्वयं यह जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी ऐसे मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए हैं, जिनमें कोरोना से मृत्यु होने का उल्लेख नहीं है। मृत्यु प्रमाण पत्रों के लिए देशभर में समान नीति अपनाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने सुझाव दिए हैं। मृत्यु प्रमाण पत्रों में कोरोना से मृत्यु का उल्लेख न होना ऐसी चूक नहीं है, जिसे सुधारा न जा सके।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, केंद्र अथवा राज्य शासन ने अनाथ बच्चों के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उससे एक भी पात्र बच्चा वंचित न रहने पाए, इसीलिए राज्य शासन ने सभी कलेक्टरों को पहले ही निर्देशित कर रखा है कि वे हर संभव स्त्रोत से ऐसे बच्चों की जानकारी प्राप्त करें और जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराएं। किसी भी योजना की सफलता सरकारों की संवेदनशीलता और संकल्प पर निर्भर करती हैं, न कि कागजी-खानापूर्ति पर। अनाथ बच्चों के प्रति छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और संकल्प पर सवाल उठाने से पहले भाजपा को उन राज्यों की सुध लेनी चाहिए जहां उनकी सरकारें हैं। उनके राज्य के एक मुख्यमंत्री ने टीकों की बचत कर-करके टीकाकरण करने का जो फार्मूला राज्य सरकारों को सुझाया है, उसके बारे में और संवेदनशीलता के इस स्तर के बारे में भी भाजपा को अपने विचार रखने चाहिए।