‘ब्लैक फंगस’ के 68 नकली इंजेक्शन के साथ दो अभियुक्त गिरफ्तार, गिरोह की तलाश जारी
कानपूर| चंद पैसों के लालच में कुछ लोग मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही मामला कानपुर में गुरुवार को उस वक्त सामने आया जब वाहन चेकिंग के दौरान दो कार सवार युवकों को ब्लैक फंगस जैसी जानलेवा बीमारी में इस्तेमाल होने वाले 68 नकली इंजेक्शनों के साथ पकड़ा गया है। अभियुक्तों के कब्जे से लखनऊ के नम्बर वाली हाईकोर्ट लिखी कार से 1.80 लाख रुपये भी बरामद हुए हैं। नकली इंजेक्शन मामले में प्रयागराज का कनेक्शन के साथ ही कई और लोग इस गिरोह में शामिल हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुट गई है।
पुलिस उपायुक्त पश्चिम संजीव त्यागी ने बताया कि आज रात ग्वालटोली थाना क्षेत्र पुलिस को सूचना मिली कि इलाके में नकली इंजेक्शन बेचने वाले कार से निकलने वाले हैं। सूचना मिलते ही उप निरीक्षक सुरेन्द्र कुमार, आरक्षी इमरान, संजय व शिवशंकर ने बिना समय गवांए मामले की जानकारी थाना प्रभारी के साथ कर्नलगंज एसीपी त्रिपुरारी पांडेय को दी। अभियुक्तों को धरपकड़ के लिए डीसीपी पश्चिम की सर्विलांस सेल के राममोहन के साथ एसीपी कर्नलगंज ने इलाके में बैरीकेटिंग लगवाते हुए वाहन चेकिंग शुरु की। इस बीच चुन्नीगंज की ओर एक काले रंग की एक्सयूवी कार में दो युवक आते दिखाई दिए। जिन्हें पुलिस टीम ने बैरीकेटिंग लगाकर रोक लिया और तलाशी ली तो उनके कब्जे से भारी मात्रा में ब्लैक फंगस बीमारी में लगाने वाले इंजेक्शन के वायल मिलें।
डीसीपी पश्चिम ने बताया कि ब्लैक फंगस में मरीज को लगाने वाले एम्फोनेम्स ब्रांड के लाइपोजोबल एम्फोटोरेसन इंजेक्शन के 68 वायॅलों को जब एसीपी कर्नलगंज ने मिलान किया तो उनमें एक ही बैच पड़ा था। जिसके बाद दोनों को एसीपी कार्यालय लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ में सभी इंजेक्शन नकली निकले और औषधी विभाग की निरीक्षक डॉ. सीमा सिंह द्वारा उनके सम्पैल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिए गए हैं। नकली इंजेक्शनों के साथ पकड़े गए आरोपियों में नौबस्ता के राजीव विहार निवासी ज्ञानेश कुमार शर्मा पुत्र सिद्धगोपाल व यशोदा नगर निवासी प्रकाश मिश्रा पुत्र जनार्दन मिश्रा हैं।
प्रयागराज तक फैला है नेटवर्क, 11 हजार में बेचते हैं इंजेक्शन
डीसीपी संजीव त्यागी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वह लोग प्रयागराज में रहने वाले पंकज अग्रवाल, कानपुर के यशोदा नगर मछरिया निवासी मधुरम बाजपेयी, किदवई नगर निवासी शुभम तिवारी उर्फ कैन्हया व दवा डिस्ट्रीब्यूटर व मेडिकल स्टोर द्वारा नकली ब्लैक फंगस के इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। जिसे हम मरीजों के तीमारदारों, अस्पताल संचालकों व मेडिकल स्टोरों के माध्यम से 11 हजार रुपये में बेच देते हैं।
पैसों के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़
पुलिस को अभियुक्तों ने बताया कि नकली ब्लैक फंगस के इंजेक्शन काफी लोगों को अब तक बेच चुके हैं। इस तरह से यह लोग असली इंजेक्शन की जगह नकली इंजेक्शन थमा कर लोगों से काफी ठगी कर चुके हैं। इनके पास से नकली इंजेक्शनों को बेचकर मिले एक लाख 80 हजार रुपये के साथ ही पांच मोबाइल भी बरामद किए गए हैं। पुलिस अब इनके पास से बरामद प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नम्बर प्लेट वाली काली रंग की एसयूवी कार व उस पर हाईकोर्ट लिखने के पीछे के कनेक्शन को भी खंगालने में जुट गई है। बताया कि अगर बरामद इंजेक्शन असली होते तो इनकी बाजार कीमत लगभग छह लाख 68 हजार 500 रुपये होती।
आरोपियों पर रासुका की कार्यवाही भी होगी
डीसीपी पश्चिम संजीव त्यागी ने बताया कि नकली इंजेक्शन बेचने के मामले में गिरफ्तार ज्ञानेश व प्रकाश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एक ही बैच के बरामद इंजेक्शनों के सैम्पल लेकर लैब जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही आरोपियों पर रासुका की कार्यवाही भी अमल में लाई जा रही है। डीसीपी ने बताया कि पुलिस आयुक्त द्वारा गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार का पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है।