डाॅ.हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को लिखा पत्र, बोलें- आपके बयान से कोरोना वाॅरियर्स का हुआ अपमान
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने योग गुरू बाबा रामदेव को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि आपकी आपत्तिजनक टिप्पणियों से देश के कोरोना वाॅरियर्स का अपमान हुआ है और पूरा देश आहत है। स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पत्र में उनसे कहा है कि उनके वक्तव्य से कोरोना वाॅरियर्स का अपमान हुआ है और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। डाॅ.हर्षवर्धन ने अपने पत्र में योग गुरू से कहा है कि ऐसे समय में जब एलोपैथी के डाॅक्टर अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं और उनके प्रयासों से देश में मृत्युदर मात्र 1.13 प्रतिशत और रिकवरी रेट 88 प्रतिशत है उनकी सेवा का अपमान करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
डाॅ. हर्षवर्धन ने पत्र में लिखा है कि ऐसे समय में जब एलोपैथी के डाॅक्टर और तमाम नर्सें और अन्य स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात सेवा में जुटे हैं आपका यह कहना है कि देश में लाखों लोगों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई है घोर आपत्तिजनक है। कोरोना महामारी पर विजय सामूहिक प्रयासों से ही संभव है और आप भी इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि ड्यूटी करते हुए अपने देश के ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कई डाॅक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में आपका बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। डाॅ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस संकट की स्थिति में आपका यह कहना कि एलोपैथी तमाशा, बेकार और दिवालिया है बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
डाॅ.हर्षवर्धन ने कहा कि आप सार्वजनिक जीवन में रहने वाले हैं आपके बयान का काफी महत्व है, इसलिए मैं समझता हूं आपको बयान सोच-समझकर और स्थिति-परिस्थिति को देखकर देना चाहिए। आपका बयान एलोपैथी की डाॅक्टरों और उनकी पूरी चिकित्सा प्रणली पर सवालिया निशान खड़े करता है, जो अनुचित है। आपका बयान डाॅक्टरों का मनोबल तोड़ने वाला और कोरोना के खि़लाफ लड़ाई को कमजोर करने वाला है। आपने अपने बयान पर जो स्पष्टीकरण दिया वह आपके द्वारा दिये बयान के मद्देनजर नाकाफी है। आपके कहा कि आपका बयान माॅडर्न साइंस और अच्छे डाॅक्टरों के खिलाफ नहीं है। आपको यह पता होना चाहिए कि विश्व से चेचक, पोलियो, सार्स और टीबी जैसी बीमारियों का इलाज एलोपैथी ने ही संभव किया है। इसलिए आप विषय की गंभीरता को समझें और अपना बयान पूरी तरह वापस लें।