सुप्रीम कोर्ट लॉकडाउन के पक्ष में! कहा- गरीबों का रखा जाना चाहिए ध्यान
नई दिल्ली| कोरोना की हाहाकार को देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने देश में लॉकडाउन लगाने की बात कहीं है। कोर्ट ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें लॉकडाउन पर विचार कर सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार रात सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि हम केंद्र और राज्य सरकारों से सामूहिक समारोहों और सुपर स्प्रेडर कार्यक्रमों पर रोक लगाने पर विचार करने का आग्रह करेंगे।
शीर्ष अदालत ने सरकारों से कहा है कि वे लोक कल्याण के हित में कोरोना की दूसरी लहर पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन पर विचार कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वह लॉकडाउन के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से परिचित है, खासतौर पर गरीबों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इसलिए यदि लॉकडाउन लगाए जाने की आवश्यकता है, तो सरकार को गरीबों की जरूरतों को पूरा करने की व्यवस्था पहले करनी चाहिए।