पत्रकार साथी गणेश व लीला के समर्थन में 16 को गंगालूर में प्रदेशभर के पत्रकार भरेंगे हुंकार,18 को संभाग मुख्यालय में होगा वृहद आंदोलन,20 से माओवादियों की मांद में मीडिया स्वतंत्रता बाइक रैली
बीजापुर / सुकमा – जिले के दो पत्रकार साथी गणेश मिश्रा, लीलाधर राठी के विरूद्ध माओवादियों की दक्षिण सब जोनल कमेटी द्वारा नामजद पर्चे को लेकर बीजापुर पत्रकार भवन में बैठक आहूत हुई। जिसमें सर्व सम्मति से माओवादियों की इस करतूत का पुरजोर विरोध करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। वही पत्रकार साथी गणेश मिश्रा व लीलाधर राठी के समर्थन में आंदोलन की रूपरेखा भी तय की गई। पत्रकार साथियों के सुझाव पर निर्णय लिया गया कि पूरे मामले को लेकर पत्रकार चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। जिसमें पहले चरण में बीजापुर जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर गंगालूर में आगामी 16 फरवरी को बाइक रैली निकाली जाएगी, साथ ही एक दिवसीय धरना प्रदर्षन भी होगा। प्रदर्शनमें प्रदेश के सभी जिलों में कार्यरत् पत्रकारों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर आंदोलन को मजबूत करें और मीडिया स्वतंत्रता की इस लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान दें।16 फरवरी को गंगालूर में आयोजित धरना-प्रदर्षन के उपरांत आगामी 18 फरवरी को संभाग मुख्यालय जगदलपरु में वृहद धरना-प्रदर्षन तय किया गया। जहां आंदोलन की आगे की रूपरेखा में 20,21 व 22 फरवरी को सुकमा और बीजापुर के सदहदीं माओवादियों के आधार इलाके में बाइक रैली निकाली जाएगी। जिसमें देषभर के पत्रकारों के साथ लेखक, समाजसेवी, मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।बैठक में बीजापुर जिले के पत्रकारों ने नक्सलियों के नामजद पर्चे की भत्र्सना करते हुए कहा कि दक्षिण बस्तर में पत्रकार विषम परिस्थितियों में पूरी ईमानदारी से पत्रकारिता कर रहे हैं। इस दौरान पत्रकार कभी पुलिस तो कभी नक्सलियों के निषाने पर आ जाते हैं। इससे पूर्व पत्रकार साथी साई रेड्डी, नेमीचंद जैन ने पत्रकारिता धर्म निभाते शहादत दे चुके हैं। मीडिया की स्वतंत्रता बनाए रखने यह आवष्यक है कि पूर्व घटित घटनाओं व वर्तमान में नामजद पर्चे को गंभीरता से लेते सभी पत्रकार एकजुट हो जाए। यह लड़ाई हमें मिलकर लड़नी होगी। हम एक रहेंगे तो हमारी ताकत बढ़ेगी। गणेश मिश्रा, लीलाधर राठी जीवनभर बस्तर के जनहित मुद्दो को लेकर पत्रकारिता के जरिए संघर्षरत रहे हैं, बावजूद अब नक्सलियों के तरफ से उनकी निष्ठा पर जो सवाल उठाए गए हैं, इसका पुरजोर विरोध जरूरी है। इसलिए आगामी 16 फरवरी को आहुत धरना प्रदर्षन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर पत्रकार अपनी एकता और मीडिया की स्वतंत्रता को बनाए रखने में अपना योगदान दें।