December 23, 2024

अच्छी खबर: आज से सस्ता हो सकता हैं पेट्रोल… पढ़ें पूरी खबर

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नई दिल्ली। रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुकी पेट्रोल कीमतों पर जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने सरकार से ऊंची पेट्रोल, डीजल कीमतों पर राहत देने की सिफारिश की है। मंत्रालय ने कहा है कि उत्पाद शुल्क में कटौती कर जनता को बड़ी राहत दी जा सकती है। मंत्रालय के मुताबिक, कोरोनाकाल में पेट्रोल डीजल पर बढ़ाए गए उत्पाद शुल्क में अगर 50 फीसदी कटौती भी कर दी जाए, तो पेट्रोल के दाम 5 रुपये प्रति लीटर तक नीचे आ सकते हैं। 

लॉकडाउन के दौरान सरकार ने पेट्रोल पर एकमुश्त 10 रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ाया था। मंत्रालय ने कहा कि अगर उत्पाद शुल्क में कटौती की जाती है तो उपभोक्ताओं को इसका पूरा लाभ पहुंचाने के लिए राज्यों को भी सहयोग करना होगा। उन्हें वैट में कटौती के लिए केंद्र से सहमति जतानी होगी। मंत्रालय का कहना है कि उत्पाद शुल्क में कटौती के अलावा वैट घटाने और तेल कंपनियों से भी कुछ बोझ उठाने के लिए कहा जा सकता है। ओपेक देशों के क्रूड उत्पादन में कटौती के फैसले से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। इस कारण घरेलू तेल विपणन कंपनियों ने भी 29 दिन बाद पेट्रोल डीजल कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी हैं।

ग्राहकों को दिल्ली के पेट्रोल पंप पर 84.20 रुपये प्रति लीटर मिलने वाले पेट्रोल का वास्ताविक मूल्य महज 26 फीसदी है। केंद्र सरकार इस आधार मूल्य का 125 फीसदी यानी 32.98 रुपये शुल्क व टैक्स के रूप में 19 रुपये लेती है। शेष 6.22 रुपये प्रति लीटर डीलर्स व कंपनियों का मुनाफा होता है। करीब 69 प्रतिशत लोग पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती चाहते हैं। देश में वाहन ईंधन के दाम इस समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। ऐसे में लोगों का मानना है कि सरकार को वाहन ईंधन पर शुल्क घटाना चाहिए। ईंधन कीमतों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क एक प्रमुख हिस्सा होता है। कम्युनिटी सोशल मीडिया मंच लोकल सर्किल्स के सर्वे के अनुसार कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था सुस्त है। लोगों की आमदनी भी इससे प्रभावित हुई है। ऐसे में वाहन ईंधन के दाम घटने से लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। सर्वे के अनुसार, 69 प्रतिशत लोगों का कहना है कि सरकार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करनी चाहिए। इनमें से ज्यादातर लोगों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम में 20 प्रतिशत या छह रुपये या इससे अधिक की कटौती होनी चाहिए।

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