December 23, 2024

नेशनल लोक अदालत में कुल 870 मामलों का हुआ निराकरण, 18 करोड़ से ज्यादा की समझौता राशि तय हुई

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रायपुर: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देश पर आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश रामकुमार तिवारी के मार्गदर्शन में दिनांक 12/12/2019 दिन शनिवार को जिला न्यायालय रायपुर एवं रायपुर जिले के अन्य तहसील न्यायालयों में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में रायपुर जिला न्यायालय में कुल 870 प्रकरणों का निराकरण हुआ, जोकि राज्य में सर्वाधिक है। रायपुर के पश्चात् बिलासपुर जिले में 698 प्रकरण और दुर्ग जिले में 532 मामलों का निराकरण हुआ। रायपुर जिले में इस नेशनल लोक अदालत में कुल 1383 मामलो को सुनवाई हेतु रखा गया था, जिसमें से 870 मामलों का आपसी राजीनामा के आधार पर इस लोक अदालत में निपटारा कियागया।

नेशनल लोक अदालत हेत जिला न्यायालय रायपुर में कुल 24 खण्डपीठों कागठन किया गया था। तहसील स्तर पर गरियाबंद में 2, तिल्दा में 1, देवभोग में 1 एवं राजिम में 1 खण्डपीठ का गठन किया गया था एवं साथ ही परिवार न्यायालय, कमर्शियल कोर्ट एवं श्रम न्यायालय में भी 1-1 खण्डपीठ का गठन किया गया था। इस प्रकार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
रायपुर में कुल 32 खण्डपीठों का गठन किया गया था। कोरोना संकमण को ध्यान में रखते हुए इस नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय आये बिना मामलों कानिराकरण कराने हेतु प्रोत्साहित किया गया। पूर्व से पक्षकारों और अधिवक्ताओं के द्वारा राजीनामा आवेदन जमा किये गये थे जिनमें दिये गये मोबाइल नम्बरो पर न्यायालय की ओर से सम्पर्क स्थापित किया गया और पक्षकारों को आपस में ऑनलाइन बातचीत करने का अवसर देकर मामलो का राजीनामा के आधार पर
निराकरण किया गया।

17 नवंबर 2020 से न्यायालयों में आंशिक रूप से नियमित कामकाज की शुरूआत की गई है। इसलिए इस नेशनल लोक अदालत में भी पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं को न्यायालय में उपस्थित होकर मामलों का निराकरण कराने की सुविधा प्रदान की गई थी। कई पक्षकार और अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित हुए और अपने मामलों का निराकरण कराये न्यायालय आने वाले पक्षकार को कोविड से संबंधित दिशा निर्देशो का पालन कराया गया। न्यायालय में मात्र एक गेट से एंट्री दी गई और आने के पहले थर्मल स्केनर से तापमान लिया गया तथा हाथों को सैनेटाइज कराया गया उसके बाद ही लोगों को न्यायालय परिसर में प्रवेश दिया गया। इस लोक अदालत में बड़ी संख्या में उन मामलों का निराकरण हुआ जो लॉकडाउन के दौरान लोगों को आपसी झगड़ों से संबंधित थे। ऐसा ही एक मामला
न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार अग्रवाल के न्यायालय में भी निराकृत हुआ, जो थाना पुरानी बस्ती से संबंधित है। इस मामले में रेल्वे स्टेशन रायपुर में पुस्तक की दुकान
लगाने वाले एक व्यक्ति ने लॉकडाउन को देखते हुए रेल्वे स्टेशन की दुकान को बंद करके शहर में दूसरी दुकान खोली और उस दुकान के लिए स्टील रेक बनवाने के लिए महाराजबंध तालाब के पास के एक दुकानदार को कुछ पैसे एडवांस दिए लेकिन लॉकडाउन के कारण समय पर स्टील रेक नहीं बन सका, जिसके कारण दोनों पक्षों के मध्य लड़ाई झगड़ा और मारपीट हुई और दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ थाना पुरानी बस्ती में रिपोर्ट लिखाई। आज हुई लोक अदालत में दोनों पक्षों ने न्यायालय की समझाईश पर आपस में राजीनामा किया।

इस लोक अदालत के संबंध में जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव उमेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि, हमेशा की तरह इस बार भी सभी अधिवक्तागण एवं आमजन ने इस नेशनल लोक अदालत में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामे के माध्यम से अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए तत्परता दिखायी। उन्होनें यह भी बताया कि, प्राधिकरण के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश राम कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय रायपुर के द्वारा पिछले कई दिनों से इस नेशनल लोक अदालत की तैयारी की जा रही थी और इस नई व्यवस्था वाली नेशनल लोक अदालत में भी राज्य में सर्वाधिक मामलों का निराकरण का प्रयास किया जा रहा था जो पूरी तरीके से सफल रहा।
डॉ. सुमित सोनी एवं पवन अग्रवाल के न्यायालयों में हुआ अधिक प्रकरणों का निपटारा।

साल की आखरी नेशनल लोक अदालत के लिए जिले के सभी न्यायाधीशों ने लगातार तैयारियां की और लगातार रायपुर ने राज्य में सवाधिक मामलों का निराकरण किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ0 के न्यायालय में सर्वाधिक 139 मामलों का निराकरण किया गया
ये सभी मामले चेक बाउंस से संबंधित थे और इनमें कई ऐसे मामले थे जो लंबे समय से न्यायालयों में लंबित थे। न्यायिक मजिस्टट पवन कुमार अग्रवाल के न्यायालय में 73 मामलों का निराकरण हुआ जो राजीनामा योग्य आपराधिक मामले थे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेन्द्र कुमार वासनीकर के न्यायालय में 46 मामलों का
निराकरण हुआ। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश जून के न्यायालय में 35 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण का निराकरण हुआ।

870 आंकड़े एक नजर में :-
नेशनल लोक अदालत में सुनवाई हेतु रखे गए कुल मामले- 1383
निराकृत हुए कुल मामले, निराकृत हुए मामलो का वर्गीकरण- राजीनामा योग्य आपराधिक मामले- 373
चक बाउंस के मामले- 326
दुर्घटना दावा प्रकरण , सिविल वाद
विद्युत अधिनियम से संबंधित मामले- 01
विवाह से संबंधित मामले- 04
कुल समझौता राशि
18,37,11,232 /-रूपये (अट्ठारह करोड़ सैतीस लाख ग्यारह
हजार दो सौ बत्तीस रूपये)
104
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