December 23, 2024

धान खरीदी को लेकर विपक्ष ने लाया स्थगन प्रस्ताव, अस्वीकार होने पर नाराज विपक्षियों ने सदन की कार्यवाही का किया बहिष्कार

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vidhansabha

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज धान खरीदी का मामला गूंजा। विपक्ष ने इस पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। खासकर धान और किसान के मुद्दे पर विपक्ष ने प्रश्नकाल में जो तेवर दिखाये थे, शून्यकाल में भी वैसा ही कुछ नजारा दिखा। विपक्ष ने कहा कि कम खरीदी हुई है, अभी भी कई किसान धान नही बेच पाए हैं। इस मामले में प्रश्नकाल में भी हंगामा हुआ और स्थगन प्रस्ताव के दौरान भी दोनों ही बार विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर दिया। धान खरीदी को लेकर स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य होने के बाद हंगामे की वजह से सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ गयी। प्रश्नकाल खत्म होते ही विपक्षी विधायक ने शून्यकाल में धान खरीदी को लेकर स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी।

धान खरीदी की तारीख बढ़ाने, पिछली बार की तुलना में कम धान खरीदी, किसानों को टोकन नहीं देने जैसे विपक्ष के आरोपों के साथ लाये गये स्थगन के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, धान खरीदी को लेकर जो भी बातें विपक्ष कह रहा है, वो फेक जानकारी के आधार पर है। गलत जानकारी के आधार पर वो सदन में चर्चा की बात कर रहा है। इसकी वजह से इस विषय पर स्थगन नहीं हो सकता। आरोप-प्रत्यारोप के बीच विधायक द्वारकाधीश यादव ने कहा कि मृतकों के रकबे को भी शामिल कर लिया गया है, धान खरीदी में व्यापक गड़बड़ियां हुई है।

आरोप प्रत्यारोप के बीच धान खरीदी पर स्थगन को विधानसभा अध्यक्ष ने अग्राह्य कर दिया। स्थगन प्रस्ताव के अस्वीकार होते ही विपक्ष नाराज हो गया और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होते ही विपक्ष ने इसी मुद्दे को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष के स्थगन को स्पीकर रमन सिंह ने अस्वीकार कर दिया जिससे नाराज होकर विपक्ष के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे जिसे देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी । इसके बाद सदन फिर शुरू हुई तो विपक्ष अपने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग पर अड़ा रहा जिसे आसंदी ने स्वीकार नहीं किया। इससे नाराज होकर सभी विपक्ष के सदस्यों ने आज दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर बाहर चले गए।

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