विधानसभा शीतकालीन सत्र: कस्टम मिलिंग के चावल की अफरातफरी का मामला, 3 राइस मिलरों पर 63 लाख का जुर्माना
छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही जारी है। वहीं सदन में विपक्ष ने कस्टम मिलिंग के चावल को लेकर सवाल उठाया। कस्टम मिलिंग के चावल की अफरातफरी के मामले में तीन राइस मिलरों पर 63.87 लाख का जुर्माना किया गया है। भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले ने इसको लेकर प्रश्न उठाया जिसपर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब दिया।
भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले ने पूछा था कि खरीफ वर्ष 2020-21 में कितने मिलरों द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराया गया था। इस दौरान कितने मिलरों को कितनी मात्रा में कस्टम मिलिंग के लिए कितनी राशि का धान उपलब्ध कराया गया था। क्या मिलरों द्वारा अफरातफरी का मामला सामने आया है। इस पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी। अपने जवाब में खाद्य मंत्री ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 1967 मिलरों का कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन किया गया था। इस दौरान कस्टम मिलरों को 16366.38 करोड़ मूल्य का 80.35 लाख टन धान कस्टम मिलिंग के लिए उपलब्ध कराया गया। इसके विरुद्ध मिलरों ने 17043.86 करोड़ मूल्य का 54.07 लाख टन चावल जमा किया।
मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि बस्तर में दो और सुकमा में तीन राइस मिलरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बस्तर में आरबी राइस इंडस्ट्रीज और सुपर चावल उद्योग के मामले में कलेक्टर ने सुनवाई के बाद प्रकरण नस्तीबद्ध किया है। इसी तरह सुकमा में रावल राजा राइस मिल से 75 क्विंटल धान और 300 क्विंटल चावल जब्त किया गया है। 10.91 लाख अर्थदंड लगाया गया है। राठौर राइस मिल से 359 क्विंटल धान और 580 क्विंटल चावल जब्त किया गया है। साथ ही, 23.67 लाख अर्थदंड लगाया गया है। इसके अलावा अरिहंत राइस मिल से 20 क्विंटल धान और 870 क्विंटल चावल जब्त किया गया है व 29.29 लाख का अर्थदंड लगाया गया है।