मेडिकल कॉलेज में 4 बच्चों की मौत, भाजपा ने किया घेराव… स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का मांगा इस्तीफा
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज के एसएनसीआईयू में 4 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज के एसएनसीआईयू में 4 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है। इस घटना के सामने आते ही हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में देर रात दो घंटे तक बिजली गुल रही। इसके चलते एसएनसीआईयू में भर्ती चार बच्चों की मौत हो गई है। इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन आधा घंटे भी बिजली गुल होने की बात से इनकार कर रहा है। इस घटना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जांच के आदेश दे दिए हैं। और राजधानी रायपुर से अंबिकापुर पहुँच गए हैं। वहीं भाजपा ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे की मांग की है। मेडिकल कॉलेज पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पहुंच गए हैं और प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, अंबिकापुर के राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कालेज के एमसीएच में एसएनसीयू वार्ड है। यहां पर घटना के समय 46 नवजात भर्ती थे। इनमें से ज्यादातर बच्चों को वेंटिलेटर पर रखा गया था। इस दौरान देर रात करीब दो घंटे के लिए बिजली गुल हो गई। इसके चलते वहां लगे वेंटिलेटर और अन्य मशीनें बंद हो गईं। आक्सीजन सप्लाई भी प्रभावित हुई। वहीं बैकअप लाइन से सप्लाई की जा रही थी, लेकिन मेन लाइन को चलाने के लिए उसे भी बंद कर दिया गया। फॉल्ट होने के कारण मेन लाइन से बिजली नहीं आई और बैकअप भी बंद था। इस दौरान चार बच्चों ने दम तोड़ दिया। वहीं अन्य बच्चों की हालत भी खराब हो गई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिन चार बच्चों की मौत हुई है, उनमें दो की हालत पहले से ठीक नहीं थी। वहीं 4 नवजात बच्चों की मौत की जानकारी उनके परिजनों को सुबह दी गई। मौके पर कलेक्टर कुंदर कुमार, एसपी भावना गुप्ता, मेडिकल कालेज के डीन डा. आर. मूर्ति सहित प्रशासनिक अमला व स्वास्थ्य अधिकारी पहुंचे। अधिकारियों ने एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया। अधिकारियों के सामने मृत बच्चों के परिजन बिलखते रहे और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
भाजपा नेता और प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने कहा कि घटना की जानकारी मिली और अस्पताल पहुंचा। घटना को लेकर डीन से बातचीत हुई और आईसीयू के अंदर मैंने जाकर देखा कई बच्चे क्रिटिकल कंडीशन में है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जो विषय आया था कि यहां पर बैकअप नहीं मिला, यह बात सत्य है की बैकअप के बिना वेंटीलेटर बहुत देर तक काम नहीं करता, एक लिमिटेड समय रहता है उसका। उन्होंने कहा ठंड का दिन है सरगुजा में ठंड ज्यादा पड़ती है और ऐसे में जो हार्ट से संबंधित बच्चे परसेंट रहते हैं उनको ज्यादा नुकसान की संभावना बनी रहती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के अंदर स्वास्थ्य महकमे में जिस प्रकार से लापरवाही बरती गई है वह अक्षम है। लगातार पहले भी नवजात बच्चों की मृत्यु की खबरें आती रही इसपर कोई भी सुधार करने के बजाए यह लोग जब भी घटना होती है लीपापोती करते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी मांग करती है कि बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए, जो संबंधित दोषी डॉक्टर, ड्यूटी अधिकारी हैं और जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार है उसके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अनुराग सिंह देव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव स्वास्थ्य की व्यवस्था को अपने ही जिले गृह जिले में ठीक करने में विफल रहे हैं, उनको अपने पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
इस घटना को लेकर कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि वार्मर में जो फ्लकचुएशन आ रहा था, उसमें थोड़ा ठंड लगती है तो उनको मारसूपियल केयर के लिए परिजनों को बुलाया जाता है तो ऑन ड्यूटी जो डॉक्टर थे वह बता रहे हैं कि कुछ बच्चों के मां को बुलाया गया था। यह भी एक रूटीन प्रक्रिया होती है क्योंकि मां के आ जाने से बच्चा थोड़ा आरामदायक फील करता है तो ऐसा नहीं है कि बिजली के जाने की वजह से ऐसा होता है या नॉर्मल प्रक्रिया होती है। और उनमें से चार-पांच बच्चों के मां को बुलाया गया था उनमें से दो-तीन बच्चों की कंडीशन अभी भी ठीक है।
नवजात बच्चों की मौत के प्रमुख कारण के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि चार बच्चों की मौत 4-5 घंटे के दौरान हुई है लेकिन एक रीजन होना की बिजली नहीं थी और बिजली के कारण यह प्रॉब्लम आई इस तरह की स्थिति नहीं आई है क्योंकि इसका एक अल्टरनेट बैकअप पहले से भी होता है जरनेटर और यूपीएस होता है और वेंटिलेटर एक ऐसी चीज है कि अगर उसमें 1 सेकंड का भी गेम आ जाए तो वेंटिलेटर के लिए कहीं भी कहीं भी कोई दिक्कत नहीं थी वेंटिलेटर थ्रू आउट ऑन थे। उन्होंने बताया वेंटिलेटर सब ऑनलाइन कनेक्टेड होते हैं, अगर वह वेंटिलेटर ऑफ हुए होंगे तो पता चल जाएगा।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति ने बताया कि एसएनसीआईयू के दो हिस्से हैं उसको मिलाकर 48 बच्चे हैं। दोनों में लेकिन उसमें से जो एसएनसीआईयू में नवजात और जो क्रिटिकल वाला पार्ट है उसमें दो बच्चे वेंटिलेटर में है उसे दोनों बच्चे गंभीर हैं उनका इलाज निरंतर रखा जा रहा है और निगरानी की जा रही है। परिजनों के बिजली गुल होने के आरोप पर डीन ने कहा कि यह सही है कि बिजली की समस्या थी लेकिन वेंटिलेटर नहीं चले जैसी कोई बात नहीं थी। उसका मृत्यु से सीधा संबंध नहीं है। बाकी बच्चे जो वेंटीलेटर पर चल रहे थे वह आज भी है और उनका इलाज पूरी निष्ठा से किया जा रहा है। उन्होंने बताया की बैकअप की पूरी व्यवस्था है। इस घटना में जांच को लेकर डीन ने कहा इसमें जांच ये होगी की इलाज में तो कोई कमी नहीं हुई या बिजली सम्बंधित समस्या थी तो उसकी भी जांच करवाएंगे।