जीएसटी हटाने से महंगी हो सकती है कोरोना दवा और टीका
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कोविड 19 की दवा, टीका और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक आयात पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) हटाने से ये सामान खरीदारों के लिए महंगे हो जायेंगे। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी हटने पर इनके निर्माता उत्पादन में प्रयोग किए गए कच्चे/मध्यवर्ती माल व सामग्री पर चुकाए गए कर के लिए इनपुट-टैक्स-क्रेडिट का दावा नहीं कर सकेंगे। वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक आयात करने पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है वहीं कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।
सीतारमण ने इन सामानों पर जीएसटी से छूट दिये जाने की मांग को लेकर ट्वीट में जवाब देते हुए कहा, ‘यदि टीके पर पूरे पांच प्रतिशत की छूट दे दी जाती है तो टीका विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिए गए कर की कटौती का लाभ नहीं मिलेगा और वह पूरी लागत को ग्राहकों, नागरिकों से वसूलेंगे। पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगने से विनिर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ मिलता है और यदि आईटीसी अधिक होता है तो वह रिफंड का दावा कर सकते हैं। इसलिये टीका विनिर्माताओं को जीएसटी से छूट दिये जाने का उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।’ निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि यदि एकीकृत जीएसटी (आईजीएसीटी) के रूप में किसी सामान पर 100 रुपये की प्राप्ति होती है तो इसमें से केन्द्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के तौर आधी आधी रकम दोनों के खाते में जाती है। इसके अलावा केनद्र को केन्द्रीय जीएसटी के तौर पर मिलने वाली राशि में से 41 प्रतिशत हिस्सा भी दिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक 100 रुपये में से 70.50 रुपये राज्यों का हिस्सा होता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वास्तव में पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी टीका बनाने वाली कंपनियों और लोगों के हित में है।